मुंबई: विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) बड़ा कदम उठाने जा रही है. पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शनिवार को संकेत दिया कि शिवसेना (यूबीटी) बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव अकेले लड़ सकती है. हालांकि, राउत ने स्पष्ट किया है कि पार्टी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से अलग नहीं होगी. संजय राउत ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने पर जोर दे रहे हैं, क्योंकि इस बार टिकट चाहने वालों की संख्या लोकसभा और विधानसभा चुनावों की तुलना में अधिक है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे और पार्टी के अन्य नेताओं के बीच बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने पर बातचीत चल रही है।
कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी अकेले लड़े. शिवसेना ने 25 साल तक किया शासन: बीएमसी देश की सबसे समृद्ध नगर निगम है. शिवसेना ने 1997 से 2022 तक बीएमसी पर शासन किया. बीएमसी के पिछले निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च 2022 में ही समाप्त हो गया है. अब करीब 3 साल बाद नए चुनाव होंगे।