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गुरू घासीदास ने पूरी मानव जाति को दिखाया कल्याण का मार्ग : श्री भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री ने की ऐतिहासिक घोषणाएं

नवा रायपुर में गुरू घासीदास शोध पीठ और संग्रहालय तथा अनुसूचित जाति के लिए 200 सीटर आवासीय कोचिंग सेंटर की स्थापना

स्वर्गीय श्री देवदास बंजारे की स्मृति में राज्य स्थापना दिवस पर पंथी नृत्य पुरस्कार प्रदान करने की भी घोषणा
    

 

    रायपुर, 18 दिसम्बर 2020

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज 18 दिसम्बर को गुरू घासीदास जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर में आयोजित सार्वजनिक गुरू घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षा, साहित्य और लोक कला तथा सामाजिक क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान देने के लिए समाज के अनेक लोगों को अलंकरण समारोह में शॉल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि संत गुरू घासीदास ने पूरी मानव जाति को कल्याण का मार्ग दिखाया। उनके मनखे-मनखे एक समान का संदेश पूरी मानवता के लिए है। उनके इस महान संदेश से समाज में समानता, समरसता, प्रेम और भाईचारा का वातावरण बना। उन्होंने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने जीवन का लक्ष्य सत्य की प्राप्ति को बताया। सत्य के साथ अहिंसा रहती है और जहां अहिंसा है वहां प्रेम और भाईचारा है। सत्य सब जगह है, कोई भी काल हो उसकी महत्ता कम नहीं होती। 
    मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गुरू घासीदास ने जिस समय अपना संदेश दिया उस परिस्थिति में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बात करने की कल्पना नहीं की जा सकती थी। उन्होंने सभी प्रकार की कुरीतियों का विरोध किया और नारी को सम्मान दिलाने का काम किया। यहां तक कि प्राणीमात्र पर दया करने पर जोर दिया। उन्होंने सत्य के प्रतीक के रूप में जैतखाम की स्थापना की, जिसके दर्शन से सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। 
    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बाबा गुरु घासीदास की जयंती के अवसर पर कार्यक्रम में विभिन्न घोषणाएं भी की। इनमें नवा रायपुर में गुरु घासीदास संग्रहालय एवं शोध पीठ की स्थापना, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए 200 सीटर हॉस्टल का निर्माण शामिल है। इसी तरह उन्होंने पंथी नृत्य के जाने माने कलाकार स्वर्गीय श्री देवदास बंजारे के नाम पर राज्य स्थापना दिवस पर पंथी नृत्य पुरस्कार देने और मरीजों के जांच की सुविधा बढ़ाने के लिए नगरीय निकायों में डाइग्नोस्टिक सेंटरों के लिए भवन की उपलब्धता और इनका नाम मिनीमाता के नाम से करने की घोषणा शामिल है। इस अवसर पर उन्होंने गुरू घासीदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारिक विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया। समारोह में मुख्यमंत्री ने नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया को उनके जन्म दिन की बधाई और शुभकामनाएं दी। 
    समारोह को नगरीय प्रशासन तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने भी सम्बोधित किया और राज्य में अनुसूचित जाति वर्ग सहित गरीब तथा कमजोर वर्गों के हित के लिए संचालित कार्यक्रमों को सराहनीय बताया। उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों के तहत समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के शीघ्र उत्थान के लिए उनकी शिक्षा सहित रोजी-रोजगार की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। इस मौके पर  स्कूल शिक्षा तथा अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री सत्यनाराण शर्मा, राज्य हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा तथा महापौर नगर पालिक निगम रायपुर श्री एजाज ढेबर सहित देश के विभिन्न स्थानों से आए साहित्यकार और वक्ता, श्रीमती शगुन डहरिया, श्री के.पी. खाण्ड़े, श्री जे.आर. सोनी सहित अकादमी के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु उपस्थित थे।