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हर दिन चेहरों पर मुस्कान बिखेरने निकलती है बैंक सखियां

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रायपुर, 02 जनवरी 2021

सुदूर, दुर्गम और पहुंच विहीन क्षेत्रों में जब हाथ में लैपटॉप लिए कोई युवती जाती है तो गांव वालो के चेहरे पर उमंग की एक झलक दिखाई पड़ती है। ग्रामीणों को इन लैपटॉप धारी युवतियों का खासा इंतजार रहता है। जब वे गांव के किसी चौक चौराहे पर बैठकर या तो घर पहुंच कर पेंशन की राशि, मजदूरी भुगतान इत्यादि हाथो हाथ देती हैं तो ग्रामीण अंचल के लोगों के चेहरे की मुस्कान देखने लायक होती है।

 सुकमा जिले के गादीरास की बैंक सखी श्रीमती प्रियंका सिंह बताती हैं कि जब भी वे किसी हितग्राही के घर अपना लैपटॉप लेकर जाती हैं तो उनके आंखों में एक नई चमक देखती हैं। प्रियंका हर सुबह घर घर जाकर गांव भर के लोगों के बीच खुशियां बांटती है। उन्होंने बताया कि वे मई 2019 से बैंक सखी का कार्य कर रही है और अब तक उन्होंने लगभग 600 ट्रांसेक्शन के माध्यम से 21 लाख से अधिक की राशि का भुगतान हितग्राहियों को किया है। वहीं रामाराम में कार्यरत बैंक सखी ज्योति ने बताया कि वे प्रतिदिन लगभग 10 हितग्राहियों को राशि भुगतान करती हैं जिसमें उन्हें हर्ष का अनुभव होता है। उन्होंने बताया कि अब तक 340 से भी अधिक ट्रांसेक्शन के माध्यम से लगभग 8 लाख का भुगतान हितग्राहियों को किया है। राशि पाकर ग्रामीणों को मिलने वाली खुशी में ज्योति को आनंद मिलता है, और वो हर दिन लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने निकल पड़ती हैं।

    राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से सुकमा जिले के विकासखण्डों में स्व सहायता समूहों की महिलाएं ऑनलाइन कियोस्क लेपटाप और पे-प्वाइंट मोबाइल उपकरण के माध्यम से बैंकिंग की सुविधाएं गांव-गांव जाकर दे रही हैं। अब गांव के लोंगों और श्रमिकों को धनराशि निकालने, बैंक खाता में पैसा ट्रान्सफर करने, पेंशन राशि प्राप्त करने, मजदूरी का पैसा निकालने के लिए बैंक में लंबी कतार में नहीं लगना पड़ता ना ही कहीं जाने की जरूरत होती है। उन्हें बस इंतजार रहता है बैंक सखी का जो घर पहुंच सेवा से ग्रामीणों को तुरंत नगद भुगतान कर देती हैं। बैंक सखी ग्रामीण विकास में अपने योगदान से आर्थिक विकास को गति प्रदान कर रही हैं। इनकी बदौलत ही जिले के उन क्षेत्रों में भी आम जन को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया हो रही है जहां वर्तमान में बैंक की सुविधा नहीं है।
बैंक सखियों ने किया अब तक 1 करोड़ 78 लाख से भी अधिक का भुगतान
    एनआरएलएम शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में 60 बैंक सखी महिलाएं कार्यरत है। इन बैंक सखियों के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को भी बैंकिंग सुविधा आसानी से उपलब्ध हो रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में काम करने वाले मजदूरों को पैसे के लिए बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता। उनकी मजदूरी का भुगतान एनआरएलएम की बीसी सखी सेतु (‘सेतु’-एसएचजी -इम्पावरिंग, ट्रांसफारमिंग एण्ड अर्बनाइजिंग विलेजेस) से जुड़ी महिलाएं कार्यस्थल पर ही जाकर कर देती हैं। मनरेगा के कार्यस्थल पर जाकर बीसी सखी सेतु की महिलाएं मजदूरी का भुगतान कर रही है। इसके अलावा बुजुर्ग, विधवा पेंशन का लाभ, गैस पर मिलने वाली सब्सिडी का भुगतान हो या जनधन खाते में आई राशि का भुगतान, बिजली बिल का भुगतान एवं अन्य बैंकिंग सुविधाएं बैंक सखी सेतु के माध्यम से मुहैया कराया जा रहा है। जिले में कार्यरत बैंक सखियों के माध्यम से अब तक 1 करोड़ 78 लाख से भी अधिक की राशि का भुगतान ग्रामीण अंचल के लोगों को किया गया है।