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मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन से जिले को कुपोषण मुक्त करें – श्रीमती भेेंड़िया

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 महिला एवं बाल विकास मंत्री ने गरियाबंद जिले के विभागीय कार्यों की समीक्षा की
बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा व स्वास्थ्य सर्वोपरि

गरियाबंद, 06 जनवरी 2021

महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आज कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए महत्वपूर्ण एवं परिणाम मूलक अभियान है। इस अभियान के बेहतर क्रियान्वयन से कुपोषण के स्तर में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी नियमित तौर से फील्ड विजिट कर व्यवहारिक रिपोर्टिंग करें। जिससे राज्य सरकार का तीन साल में कुपोषण दूर करने का लक्ष्य पूरा हो सके। श्रीमती भेंड़िया ने गरियाबंद जिले में कुपोषण की स्थिति तथा उसे दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयास, पूरक पोषण आहार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की भर्ती, विभागीय भवनों की स्थिति, महिला सुरक्षा योजना,बाल संरक्षण योजना तथा विभाग की समस्याओं पर विस्तार से विचार-विमर्श कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देंश दिए। इस अवसर पर विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, संचालक श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल , जिला पंचायत  सीईओ श्री चन्द्रकांत वर्मा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।  
मंत्री श्रीमती भेड़िया ने बैठक में कहा कि कुपोषण दूर करना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। हमें बच्चों एवं महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर कार्य करना है। उनका बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभाग की योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार करें। रेडी टू ईट के लिए नए आवेदन लिए जाने के निर्देश दिये है। श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि विभाग के उद्देशों को पूरा करने के लिए टीम भावना और उत्साह के साथ कार्य करें तथा जिले में गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिये गए।
 सचिव श्रीमती निगार ने विभागीय अधिकारियों को जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य सुपोषण, और सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य करे। उन्होंने कुपोषण संबंधी आंकड़ों का पुनः विशलेषण कर जानकारी एकत्र करने कहा। श्रीमती निगार ने जिले में चल रहे पूरक पोषण आहार और पोषण वाटिका के कार्यो की सराहना की। कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने बताया कि जिले को कुपोषण मुक्त करने के लिए सतत् मॉनिटरिंग की जा रही है। अतिगंभीर कुपोषित बच्चों की पोषण पुनर्वास केन्द्रों में देखभाल की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि विभाग का कार्यालय और जिला बाल संरक्षण इकाई का कार्यालय खोलने के लिए प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी के शेष 38 भवनांे के लिए जल्द ही स्वीकृति दी जायेगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती जगरानी एक्का ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत वजन त्यौहार के आंकड़ो के अनुसार जिले में अभी 15.81 प्रतिशत बच्चें कुपोषित है। विगत दो वर्षो में 3 हजार 194 बच्चे मध्यम कुपोषण और 2 हजार 747 बच्चे गंभीर कुपोषण से मुक्त हुए है। जिले में पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के तहत 28 हजार 671 बच्चो एवं 5 हजार 767 गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया गया। पोषण वाटिका के तहत 2 हजार 920 मुनगा के पौधे आंगनबाड़ी केन्द्रों मंे लगाए गए है। उन्होंने विभागीय जानकारी पॉवरपाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से दी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने बताया कि पुलिस प्रशासन जिले में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर कार्य कर रही है। उन्होंने विभाग द्वारा किये गए पहल की जानकारी देते हुए बताया कि स्नेह छाया सेल, अंजोर रथ, पुलिस संगिनी सम्मान, ग्राम रक्षा समिति, बाल मित्र कक्ष, ऑपरेशन मुस्कान जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी मौजूद थे।