Home छत्तीसगढ़ स्व सहायता समूहों के आजीविका के साधन बन रहे गौठानों में निर्मित...

स्व सहायता समूहों के आजीविका के साधन बन रहे गौठानों में निर्मित मल्टीयूटिलिटी सेंटर, हो रही चौतरफा तारीफ

165
0

रायपुर, 04 फरवरी 2021

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों को स्वावलंबी बनाने हेतु गोबर से वर्मी कम्पोस्ट व अन्य उत्पाद स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तैयार कराकर स्व-अर्जित आय का स्त्रोत बढ़ाते हुए आदर्श गौठान के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में कोरिया जिले के गौठानों में मल्टीयूटिलिटी सेंटर बनाये जा रहे हैं, जिनकी चौतरफा तारीफ हो रही है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा पत्र जारी कर प्रदेश भर के गौठानों में कोरिया जिले की तर्ज पर ही मल्टीयूटिलिटी सेंटर के निर्माण का निर्देश दिया गया है। मल्टीयूटिलिटी सेंटर के माध्यम से स्व-सहायता समूहों की आजीविका से संबंधित विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन कर गौठानों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं।

    सोनहत विकासखंड के अंतर्गत ग्राम घुघरा और पुसला के गौठान में निर्मित मल्टीयूटिलिटी सेंटर में महिलाओं द्वारा फ्लाई ऐश ईंट, फेसिंग पोल, चौन लिंक फेसिंग एवं पेवर ब्लाक टाइल्स आदि का निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों को महिलाएं स्वयं कर रही हैं और इसके बाद निर्मित सामानों के विक्रय हेतु मार्केटिंग स्किल को भी बखूबी समझ रही हैं। इसके माध्यम से महिलाएं ना सिर्फ आर्थिक रुप से सक्षम हो रही हैं बल्कि उनमें व्यवसायिक समझ भी विकसित हो रही है। इस प्रकार कोरिया जिले के गौठान महिलाओं के लिए आजीविका के साधन बन रहे हैं।
        कोरिया जिले के सोनहत विकासखंड के अंतर्गत ग्राम घुघरा और पुसला के गौठान में निर्मित मल्टीयूटिलिटी सेंटर का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 11 दिसंबर को उनके कोरिया प्रवास के दौरान किया गया था। मुख्यमंत्री ने कोरिया जिले के मल्टीयूटिलिटी सेंटर की ना केवल तारीफ की बल्कि अन्य जिलों को भी इसी तरह की पहल के लिए प्रोत्साहित किया था। इस सेंटर में 17 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा फ्लाई एस, ब्रिक मेकिंग, पेवर ब्लॉक, चप्पल निर्माण, कृषि उपकरण केंद्र, जैविक दवाई केंद्र, राईस मिल, ई-रिक्शा जैसी आर्थिक गतिविधियों का काम चल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव एवं गोधन न्याय योजना के संयुक्त रूप से गांवों के विकास और उन्नति की इबारत लिखी जा रही है।

जिले में 136 ग्रामीण क्षेत्रों एवं 07 नगरीय निकायों के गौठानों में अब तक 2 लाख क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी हैं तथा 3 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान भी विक्रेताओं को किया जा चुका है। इस सेंटर में फैंसिग पोल निर्माण से स्व सहायता समूहों को 34 लाख एवं चैनलिंक फैंसिंग से 27 लाख रुपए की आमदनी हुई है। ग्राम घुघरा की महिला स्व सहायता समूहों द्वारा प्रतिदिन 4 हजार ईंटों का निर्माण किया जा रहा है, जिसे 3 रुपए प्रति ईंट की दर से बेचा जाता है। अब तक 50 हजार ईंटों का विक्रय समूह द्वारा किया जा चुका है। इसी तरह चप्पल निर्माण से महिलाओं को 1 लाख 35 हजार रुपए की आमदनी हुई है। गौठानों में प्राप्त गोबर से अब तक 24 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा चुका है। जिसमें से 15 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का विक्रय किया गया है। इसके जरिए ग्राम घुघरा के समूह को 15 हजार रुपए का लाभ हुआ है।