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विशेष पिछड़ी जनजाति के कमार आदिवासी परिवार के बच्चों और महिलाओं को भोजन में दिया जाएगा अण्डा : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने दिए निर्देश : व्यय का भुगतान जिला खनिज न्यास निधि से

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महासमुन्द 22 फरवरी 2021

विशेष पिछड़ी जनजाति में शुमार कमार आदिवासी परिवारों के 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बालक और 1 वर्ष से 49 वर्ष तक के बालिकाओं और महिलाओं को अब आगामी 1 मार्च से सप्ताह में तीन दिन अण्डा दिया जाएगा। इस पर होने वाला व्यय जिला खनिज न्यास निधि से किया जाएगा। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री मनोज सिन्हा को पूरी कार्ययोजना बनाकर आगामी 1 मार्च से कमार जाति परिवारों के 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बालक और 1 वर्ष से 49 वर्ष तक की बालिकाओं और महिलाओं को उनके घर अण्डा पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने इसके लिए कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है और आगामी 1 मार्च से दिए गए निर्देशानुसार बच्चें, बालिकाओं और महिलाओं को अण्डा मुहैय्या कराया जाएगा। इस जनजाति को भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया गया है। बतादें कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् महासमुन्द जिले के आॅगनबाड़ी केन्द्रों में 01 फरवरी से कुपोषित बच्चें और 15 से 49 वर्ष के चिन्हांकित एनीमिक महिलाओं को सप्ताह में तीन दिन गुणवत्तापूर्ण गरम पौष्टिक भोजन देने की शुरूआत हुई। इसके लिए भी राशि जिला खनिज न्यास निधि उपलब्ध कराई जा रही है।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह की जिले इस महीने की 05 तारीख को विकासखण्ड बागबाहरा के ग्राम भोथा के गुलझर पारा पहुंचकर कमार जनजाति के बच्चांे-परिवारों से मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछा था। कलेक्टर का जाति के लोगों ने बांस से बनी हुई टोपी और टुकली माला पहनाकर उनका आत्मीय स्वागत भी किया था। उन्होंने इस मौके पर व्यक्तिगत, सामुदायिक वनाधिकार और सामुदायिक वन संसाधन पट्टों और बच्चों को जाति प्रमाण पत्र वितरित किए थे। इसके अलावा कमार जाति के स्कूली बच्चों को अपने महामसुन्द के सरकारी निवास पर भी आमंत्रित किया था।
जानकारी के मुताबिक महासमुन्द सहित बागबाहरा और पिथौरा में कमार जाति के परिवार निवासरत् है। इनमें सबसे ज्यादा परिवार बागबाहरा विकासखण्ड में है। पूर्व वर्षों की सर्वे के मुताबिक जिले के 70 गांवों में कमार जनजाति के 671 परिवार थे। तब संयुक्त परिवारों में पुरूष की संख्या 1428 दर्ज है। तब अवयस्क रहें पुरूष भी अब वयस्क होकर अलग परिवार के रूप में रह रहें हैं। मौजूदा आंकड़ों में इजाफा हो सकता है। कलेक्टर ने कहा कि इसका सर्वे कराया जाए। ताकि कमार जनजाति परिवारों की सही-सही जानकारी मिल सके और हितग्राहियों को राज्य सरकार की सभी हितग्राही मूलक योजनाओं का उन्हें पूरा-पूरा लाभ दिलाया जा सके। मालूम हो कि कमार जनजाति गरियाबंद जिले के कुछ इलाकांे सहित धमतरी जिले के साथ ही महासमुन्द सहित बागबाहरा और पिथौरा विकासखण्ड में कुछ परिवार निवासरत् है। ये जाति मुख्यतः वनोपज संग्रहण और कुटीर कार्य, कृषि, मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले कमार जनजाति पिछड़े हुए गरीबी और अशिक्षा से घिरे हुए हैं।