Home छत्तीसगढ़ कबीर की वाणी और संदेश आज भी प्रासंगिक: मंत्री डॉ. डहरिया

कबीर की वाणी और संदेश आज भी प्रासंगिक: मंत्री डॉ. डहरिया

88
0

नगरीय प्रशासन मंत्री ने कबीर संस्थान में शेड और शौचालय
के लिए 45 लाख रुपए देने की घोषणा की

कबीर संस्थान गोबरा नवापारा में 38 लाख रुपए के विकास कार्यों का किया लोकार्पण

रायपुर 27 फरवरी 2021

नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया अभनपुर विधानसभा क्षेत्र के गोबरा नवापारा में कबीर समाज के सत्संग समारोह में शामिल हुए। इस दौरान मुख्य अतिथि की आसंदी से उन्होंने कहा कि महापुरूषों की वाणी हमेशा सत्य और अहिंसा की राह पर चलने वाली होती है। कबीर साहेब ने हमेशा झूठ और आडम्बर का विरोध किया। वे पाखण्ड के खिलाफ थे और सत्य के मार्ग को चुना। जो कबीर साहेब को मानता है वह सत्य के मार्ग में चलता है। उन्होंने कहा कि कबीर की तरह ही बाबा गुरू घासीदास ने भी सतनाम का प्रचार किया और अमर हो गए। उन्होंने कहा कि कबीर की वाणी और संदेश आज भी प्रासंगिक है। इसलिए कबीर साहेब को मानने वालों की संख्या बढ़ रही है। अन्य समाज के लोग उन्हें अपना रहे हैं और समाज प्रगति की राह में आगे बढ़ रहे हैं।

मंत्री डॉ.डहरिया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सभी समाज के लोगों के विकास की दिशा में कार्य किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी परम्परा, संस्कृति, धरोहरों को सहेजने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी संतों का आशीर्वाद उन्हें और प्रदेश को मिलता रहें।

मंत्री डॉ डहरिया ने कबीर संस्थान गोबरा नवापारा में एक वर्ष  पूर्व किए गए घोषणा वाले कार्यों के पूर्ण होने पर उसका लोकार्पण किया। उन्होंने यहाँ लगभग 38 लाख की लागत से निर्मित सीसी रोड़, पेवर्स और नाली निर्माण का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने समाज के लोगों की मांग  पर 35 लाख रुपए शेड निर्माण और 10 लाख रुपए शौचालय निर्माण के लिए देने की घोषणा की। उन्होंने यहाँ 11 के व्ही विद्युत लाइन को हटाने के लिए भी पहल करने की बात कही। कार्यक्रम में अभनपुर क्षेत्र के विधायक श्री धनेन्द्र साहू और नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष श्री धनराज मध्यानी ने भी सम्बोधित किया। इस दौरान कबीर समाज के संत श्री धर्मेंद्र साहेब,संत श्री विचार साहेब, संत श्री सुरेंद्र साहेब, संत श्री गुरुशरण साहेब, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेन्द्र कुमार पात्रे सहित पार्षद एवं भारी संख्या में कबीर समाज के अनुयायी और आम नागरिकगण उपस्थित थे।