Home छत्तीसगढ़ राजनांदगांव के ग्राम खुटेरी की जय मां दुर्गा महिला स्वसहायता समूह की...

राजनांदगांव के ग्राम खुटेरी की जय मां दुर्गा महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित

105
0

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साधवी निरंजन ज्योति ने ग्रामीण क्षेत्र में बेहतरीन कार्य के लिए किया सम्मानित
कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अजीत वसंत ने दी शुभकामनाएं

राजनांदगांव 08 मार्च 2021

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साधवी निरंजन ज्योति ने वर्चुअल माध्यम से दीनदयाल अन्त्योदय योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण आजीविका संभाग एमओआरडी द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सम्मान समारोह में बेहतरीन कार्य करने के लिए राजनांदगांव जिले के ग्राम खुटेरी के जय माँ दुर्गा महिला स्वसहायता समूह को सम्मानित किया। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साधवी निरंजन ज्योति ने सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दी। उन्होंने कहा कि महिला घर और बाहर का कार्य दोनों एक साथ सफलतापूर्वक करती है। आज महिलाएं सभी रूप में आत्मनिर्भर बन रही हैं। जब हम मजबूत होंगे तब सफलता पाने से हमें कोई नहीं रोक सकता। जिस परिवार में अभिभावक सबको साथ लेकर चलते हैं वे परिवार हमेशा आगे की ओर अग्रसर होते हैं। हमें सब की भावनाओं एवं विचारों का सम्मान करना चाहिए।
कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अजीत वसंत से जय माँ दुर्गा स्वसहायता समूह की महिलाएं पुरस्कार मिलने के बाद भेंट की। कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने जय माँ दुर्गा स्वसहायता समूह की महिलाओं को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि जय माँ दुर्गा स्वसहायता समूह की महिलाएं अपनी सक्रियता एवं जागरूकता से समाज में परिवर्तन ला रही हैं। विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए उन्होंने सफलता के नये आयाम प्राप्त किए हैं, जो सराहनीय है। आज स्वयं आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही हैं। साथ ही समाज के लोगों में महिलाओं के आत्मनिर्भर होने के प्रति जागरूकता ला रही है। जिला पंचायत सीईओ श्री अजीत वसंत ने जय माँ दुर्गा स्वसहायता समूह की महिलाओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि महिला स्वसहायता समूह की सहभागिता से गांव की तस्वीर बदल रही है। गांव में महिलाएं जब जागरूक एवं आत्मनिर्भर होती हैं, इसके परिणाम स्वरूप ग्रामीण परिवेश में बदलाव आता है। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आगे भी वे इसी तरह सक्रियतापूर्वक कार्य करते रहें और सफलता प्राप्त करें।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश के 30 महिला स्वसहायता समूह तथा 10 ग्राम संगठन को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। जिनमें से राजनांदगांव जिले के जय माँ दुर्गा महिला स्वसहायता समूह को यह गौरव प्राप्त हुआ है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती लोकेश्वर साहू हैं और सभी ने मिलकर रेडी टू ईट उत्पाद बनाने का कार्य शुरू किया। इसके लिए बैंक से, ग्राम संगठन से और सखी कलस्टर से ऋण लिया गया। समूह की महिलाओं ने 16 कुपोषित बच्चों को गोद लिया और वहीं उन्हें खिचड़ी, फल, दूध, मुर्रा लड्डू, चना एवं रेडी टू ईट से हलवा बनाकर खिलाया करते थे। जिनमें से 14 बच्चे अभी सुपोषित हो गए हैं। राजनांदगांव परियोजना ग्रामीण-1 के 8 समूहों ने मिलकर ग्राम भर्रेगंाव में 8 जोड़ों की शादी करवाई। वहीं आंगनबाडिय़ों में गर्भवती महिलाओं की गोदभराई एवं बच्चों के वजन त्यौहार में सक्रियता पूर्वक भाग लेते हैं। समूह की महिलाओं की गांव को ओडीएफ बनाने की दिशा में सक्रिय भागीदारी रही है। वे गांव में स्वच्छता, डबरी निर्माण एवं अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रही हंै। स्वच्छ ग्राम बनाने के लिए स्वच्छता रैली भी समूह की महिलाओं द्वारा निकाली गई। मतदाता शिक्षा एवं मतदाता सहभागिता (स्वीप) तथा ग्राम के प्रत्येक मतदाता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए समूह की महिलाओं द्वारा कठिन परिश्रम किया गया। समूह की महिलाओं द्वारा किशोरी बालिकाओं को माहवारी के समय सैनेटरी पैड का उपयोग करने के लिए इसके लाभ बताए गए। इसके साथ ही वे बच्चों की स्वच्छता की महत्ता के लिए भी जनसामान्य में जागरूकता ला रही हंै। श्रीमती चमेला बाई साहू ने बताया कि पहले खेती-बाड़ी कार्य करते थे। आंध्रा की दीदी गांव में आई और उनके द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। शुरूआत में समूह के माध्यम से प्रत्येक से 10-10 रूपए की राशि जमा की गई और रेडी-टू-ईट बनाया गया। इससे आमदनी होना प्रारंभ हुआ। उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह 2300 रूपए की आमदनी हो जाती है। अब खेती-बाड़ी के साथ-साथ अन्य कार्य भी करती है। श्रीमती उमा साहू ने कहा कि गांव में स्वच्छता के लिए जागरूक किया गया। कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए वजन त्यौहार जैसे कार्यक्रम किए गए। लोगों को घर-घर जाकर प्रेरित किया गया।